नई दिल्ली। पेरिस ओलिंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने 90 मीटर से ज्यादा भाला फेंकने के टारगेट को ऊपरवाले पर छोड़ दिया है। 26 साल के जेवलिन थ्रोअर ने शनिवार को एक सवाल पर कहा कि अब लगता है कि इस तरह के लक्ष्य को ‘ऊपरवाले’ पर छोड़ना होगा।
नीरज ने पेरिस ओलिंपिक में अरशद के 92.97 मीटर के स्कोर पर कहा- ‘मैंने एक बार भी नहीं सोचा कि अरशद के थ्रो से बेहतर नहीं किया जा सकता। मेरा दिमाग तैयार था, लेकिन शरीर साथ नहीं दे रहा था।’
बता दें नीरज ने पेरिस ओलिंपिक में 89.45 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता। उनके छह प्रयास में से 5 फाउल रहे। भारत पेरिस ओलिंपिक की मेडल टैली में 5 ब्रॉन्ज और नीरज के सिल्वर के साथ बेहद खराब 71वें स्थान पर रहा।
नीरज की मुख्य बातें…
‘मैं अच्छी तरह से तैयारी करना चाहता हूं और देखना चाहता हूं कि भाला कहां जाता है। 90 मीटर के बारे में पहले ही बात हो चुकी है, अब मुझे लगता है कि इसे रहने दो। पेरिस में मुझे लगा था कि यह होगा और यह हो सकता था। अब मैं अगले दो या तीन प्रतियोगिताओं में अपना 100 प्रतिशत दूंगा और देखूंगा कि क्या होता है। इस दौरान मैं अपनी खामियों को सुधारने पर काम करूंगा।’
‘जब मैं भाले के साथ दौड़ता हूं तो क्रॉस स्टेप लेने पर कमर पर भी काफी दबाव पड़ता है। लेकिन अभी मैं अपनी तकनीक में बदलाव नहीं कर पा रहा हूं। इसके अलावा मेरी भाले की लाइन भी सही नहीं थी।’
‘पेरिस में आर्क स्पीड अच्छी थी लेकिन लाइन सही नहीं हो पा रही थी, अगर यह सीधी होती तो मैं इससे दो तीन मीटर दूर निकल सकता था। मैंने एक बार भी नहीं सोचा कि अरशद के थ्रो से बेहतर नहीं किया जा सकता। मेरा दिमाग तैयार था लेकिन शरीर साथ नहीं दे रहा था।’
‘विदेशों में प्रतिभाओं की खोज करने वाले अधिक लोग हैं। उदाहरण के लिए, मैंने भाला फेंकना सीखा, मुझे नहीं पता कि कैसे, मुझे यह पसंद आया इसलिए मैंने इसे अपनाया। लेकिन अगर हमारे पास प्रतिभा पहचान करने वाले हो तो हम और अच्छा कर सकते हैं।
हम सिर्फ एक खेल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते। हमें सभी खेलों में अच्छा होने की जरूरत है। मुझे लगता है कि पदक तालिका में जो देश शीर्ष (चीन, अमेरिका, जापान) पर हैं, वे सभी विभिन्न क्षेत्रों में शक्तिशाली देश हैं। उम्मीद है कि हम अगले ओलिंपिक में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’
‘हमें फीफा वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने की दिशा में काम करना होगा। क्रिकेट में हम पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, हमें और अधिक कोच की भी जरूरत है।’
डायमंड लीग में हिस्सा लेंगे नीरज, कहा- तकनीकी में बदलाव करने की जरूरत
भारतीय जेवलिन थ्रोअर ने अपनी इंजरी पर अपडेट देते हुए कहा कि वे 22 अगस्त को लुसाने में होने वाली डायमंड लीग में हिस्सा लेंगे। फिर ब्रुसेल्स में 13-14 सितंबर को डायमंड लीग फाइनल में खेलने के लिए डॉक्टर्स से सलाह लेंगे। ओलिंपिक फाइनल के बाद नीरज ने 8 अगस्त को स्विट्जरलैंड में ट्रेनिंग शुरू की।
नीरज ने कहा कि उन्हें अपने खेल में थोड़ी तकनीकी बदलाव करने की जरूरत है। ब्रसेल्स में होने वाले डायमंड लीग के फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए चोपड़ा को डायमंड लीग मीट सीरीज के टॉप-6 में रहना होगा।


