सूत्र बताते हैं कि महासंघ की जांच समिति अभी भी इस मामले की जांच कर रही है। एआईयू महासंघ से इस मामले के बारे में लगातार पूछताछ कर रहा है। महासंघ को यह बताना है कि ये एथलीट मीट से क्यों भागे और इन पर क्या कार्रवाई की गई है।
नईदिल्ली। तीन माह पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाए दिल्ली एथलेटिक्स मीट में एथलीट के अकेले दौडऩे के मामले में नया मोड़ आ गया है। मीट की सौ मीटर रेस में अकेले भागने वाला एथलीट ललित कुमार डोप में पकड़ा गया है। इस रेस के फाइनल में आठ एथलीटों को शिरकत करनी थी, लेकिन नाडा की टीम के पहुंचने पर सात एथलीटों ने इस रेस में भाग ही नहीं लिया। यह रेस अकेले ललित कुमार ने दौड़ी थी।
रेस में अकेले दौड़ते उनका वीडियो जमकर वायरल हुआ था। नाडा ने रेस केे बाद ललित का सैंपल लिया था, जो एनाबॉलिक स्टेरायड के लिए पॉजिटिव पाया गया है। इस मामले में वर्ल्ड एथलेटिक्स ने भी अपनी नजरें तिरछी कर दी हैं। वर्ल्ड एथलेटिक्स की एथलीट इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) ने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ से इस मामले में जवाब मांग लिया है।
स्टेडियम में भारी संख्या में मिली थी सिरिंज
दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में सितंबर के अंतिम सप्ताह में हुई इस मीट के दौरान स्टेडियम के बाथरूम में बड़ी संख्या में इंजेक्शन और सिरिंज मिले थे। इसके बाद दिल्ली एथलेटिक्स ने नाडा को मीट में टेस्टिंग के लिए लिखा। नाडा की टीम यहां अचानक पहुंच गई, बताया जा रहा है कि 100 मीटर के फाइनल में भाग लेने वाले एथलीटों को इसका पता लग गया।
हीट, सेमीफाइनल में दौड़ते हुए फाइनल में पहुंचने वाले आठ में से सात एथलीट रेस में नहीं भागे। अकेले ललित ने दौड़ लगाई। रेस के बाद ललित का भी नाडा ने सैंपल लिया, जो अब पॉजिटिव निकला है। सूत्र बताते हैं कि ललित ने नाडा को बी सैंपल देने से भी मना कर दिया है। ललित पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एआईयू मांग रही है जवाब
सूत्र बताते हैं कि महासंघ की जांच समिति अभी भी इस मामले की जांच कर रही है। एआईयू महासंघ से इस मामले के बारे में लगातार पूछताछ कर रहा है। महासंघ को यह बताना है कि ये एथलीट मीट से क्यों भागे और इन पर क्या कार्रवाई की गई है।
डोपिंग की जानकारी दी तो मिलेगा कैश अवॉर्ड
महासंघ ने इस मामले के सामने आने के बाद आमसभा प्रस्ताव पारित किया है कि राज्य मीटों में नाडा के टेस्ट कराए जाएंगे। महासंघ के अध्यक्ष आदिल सुमारीवाला के मुताबिक डोपिंग के खिलाफ व्हिसल ब्लोअर पॉलिसी लाई जाएगी। जो भी डोपिंग करने के वाले में बताएगा उसे कैश प्राइज दिया जाएगा।
महासंघ यह नीति लागू करने वाला देश का पहला राष्ट्रीय खेल संघ है। यही नहीं मीट के दौरान अब खिलाडिय़ों के बैगों और कमरे का औचक निरीक्षण किया जाएगा। अगर उसमें सिरिंज मिली तो उसे खेलने से रोक दिया जाएगा। यही नहीं स्टेडियम के बाथरूम के गोपनीय तरीके से फोटो भी कराए जाएंगे।
एथलेटिक्स में बंद होंगे राष्ट्रीय शिविर
पेरिस ओलंपिक के बाद एथलेटिक्स में अब क्रिकेट की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारियां कराई जाएंगी। एएफआई की आमसभा में अगले वर्ष से राष्ट्रीय शिविरों को बंद करने का फैसला लिया गया है। अब एथलीट अपने घर के पास स्थित राज्य के सेंटरों या अपनी मनमर्जी के सेंटर में तैयारियां कर सकेंगे। एथलीटों को साई के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस, राज्य के सेंटरों, रिलायंस, जेएसडब्ल्यू जैसे निजी सेंटरों में तैयार किया जाएगा।


