इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजी के दबाव में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी फ्रेंचाइजी लीग में खेलने की अनुमति देने के विचार के लिए तैयार है। विदेशों में आईपीएल के बढ़ते प्रभाव के साथ भारतीय खिलाड़ियों को अनुमति देने की मांग काफी बढ़ गई है। इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजियों ने सीएसए टी20 लीग में सभी छह टीमों को खरीद लिया। इसके बाद अब बीसीसीआई पर दबाव बढ़ गया है। खबरें हैं कि सितंबर में होने वाली एजीएम (वार्षिक आम बैठक) में इसे लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
बीसीसीआई को अनुमति देने में दुविधा – विदेशी लीग में भारतीय खिलाड़ियों को खेलने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ता है। इसके अलावा बोर्ड से उन्हें एनओसी भी लेनी पड़ती है। अगर कोई खिलाड़ी आईपीएल में खेलता है तो भी वह विदेशी टी-20 लीग में नहीं खेलता। दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड ने यह नियम आईपीएल को सफल बनाने के लिए बनाया। इंडियन खिलाड़ियों के अन्य लीग में खेलने से इसकी लोकप्रियता पर असर पड़ सकता है।
अनुबंधित खिलाड़ियों को लेकर क्या होगा फैसला? जानकारी के अनुसार बीसीसीआई विदेशी लीग में भारतीय खिलाड़ियों के खेलने को लेकर अपने रुख में बदलाव पर विचार कर रहा है। अगर बोर्ड अनुमति दे देता है तो देखने वाली बात यह होगी कि क्या हाई-प्रोफाइल खिलाड़ियों या अनुबंधित खिलाड़ियों को लेकर क्या फैसला लिया जाता। बोर्ड आईपीएल लोकप्रियता बनाए रखने के लिए विराट कोहली, रोहित शर्मा और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी बीबीएल, द हंड्रेड या सीपीएल में खेलने रोक सकता है।
