गुवाहाटी। साउथ अफ्रीका के टेस्ट कप्तान टेम्बा बावुमा इस वक्त कमाल कर रहे हैं। भारत में आकर टीम इंडिया को हराना कोई आसान काम नहीं है, वो भी टेम्बा ने अपनी कप्तानी में कर दिखाया है। अब टेम्बा उस मुकाम पर है, जहां अगर वे गुवाहाटी टेस्ट भी जीते तो सबसे बड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना देंगे, जो इससे पहले कभी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में हुआ ही नहीं है।
पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को मिली 30 रन से हार
भारत बनाम साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला कोलकाता में खेला गया था। इस मैच की आखिरी पारी में टीम इंडिया को केवल 124 रनों की जरूरत थी, लेकिन पूरी टीम 100 रन भी नहीं बना सकी और 30 रन से मैच हार गई। इस मुकाबले में अकेले टेम्बा की ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने अर्धशतक लगाया और वही अर्धशतक साउथ अफ्रीका की जीत की नींव रख गया।
टेम्बा की कप्तानी में अब तक एक भी टेस्ट नहीं हारी है साउथ अफ्रीका की टीम
टेम्बा बावुमा अभी तक टेस्ट में साउथ अफ्रीका की कप्तानी करते हुए एक भी मुकाबला हारे नहीं हैं। उन्होंने 11 टेस्ट में टीम की कमान संभाली है, इसमें 10 में जीत मिली है और एक मैच ड्रॉ रहा है। हाल ही में जब साउथ अफ्रीका की टीम ने पाकिस्तान से दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी, तब एक मैच में साउथ अफ्रीका को हार का सामना करना पड़ा था, तब टीम की कप्तानी एडन मारक्रम कर रहे थे।
गुवाहाटी टेस्ट में टेम्बा बना सकते हैं विश्व कीर्तिमान
अब अगर गुवाहाटी में होने वाला भारत बनाम साउथ अफ्रीका दूसरा टेस्ट भी साउथ अफ्रीका की टीम जीत जाती है तो सीरीज तो अपने नाम करेगी ही, साथ ही टीम इंडिया का सूपड़ा भी साफ कर देगी। इसके साथ ही टेम्बा बावुमा दुनिया के पहले ऐसे टेस्ट कप्तान बन जाएंगे, जिन्होंने अपनी कप्तानी मे पहली हार से पहले सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीते होंगे। इससे पहले ये कीर्तिमान इंग्लैंड के माइक ब्रियरली के नाम है, जिन्होंने इंग्लैंड की कप्तानी करते हुए पहली हार से पहले दस टेस्ट मैच जीते थे। अब इस बहुत पुरानी कीर्तिमान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अभी टेम्बा माइक ब्रियरली की बराबरी पर हैं।
क्या साल 2000 वाला इतिहास दोहरा पाएंगे टेम्बा
इतना ही नहीं, करीब अगर गुवाहाटी टेस्ट टीम इंडिया हारी तो साल 2000 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि साउथ अफ्रीका की टीम भारत में टीम इंडिया का सीरीज में सूपड़ा साफ करेगी। इससे पहले साल 2000 में हैंसी क्रोनिये की कप्तानी में साउथ अफ्रीका ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज के दोनों मैच अपने नाम किए थे। तब टीम इंडिया की कप्तानी सचिन तेंदुलकर कर रहे थे।


