प्रशांत रायचौधरी
_धैर्य, मजबूत डिफेंस और विदेशी पिचों पर जुझारू पारियों से भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।_
*भारतीय* क्रिकेट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। पुजारा को हमेशा उस खिलाड़ी के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने अपनी शांत और संयमित बल्लेबाजी से भारत को कई मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला। वे उन खिलाड़ियों में शामिल रहे जिनका करियर भले ही चमक-दमक भरा न रहा हो, लेकिन उनकी मौजूदगी ने टीम इंडिया को मजबूती और स्थिरता दी।
पुजारा ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और जल्द ही टीम के लिए अहम खिलाड़ी बन गए। 90 से ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले पुजारा ने 7000 से अधिक रन बनाए। उनकी सबसे बड़ी ताकत लंबी पारी खेलने और गेंदबाजों को थकाने की कला रही। विदेशी धरती पर उनकी कई यादगार पारियों ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई, खासकर 2018-19 की ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़, जहां उनकी मेहनत और धैर्य से भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़ जीती।
*1.धैर्य और संयम*
पुजारा कभी भी जल्दीबाज़ी में नहीं खेले। उन्होंने गेंद दर गेंद इंतज़ार करना और सही समय पर शॉट लगाना सीखा था। यही धैर्य उन्हें टीम का भरोसेमंद बल्लेबाज बनाता था।
*2. मजबूत डिफेंस*
उनके डिफेंसिव शॉट्स गेंदबाजों के लिए सिरदर्द होते थे। चाहे तेज गेंदबाज हो या स्पिनर, पुजारा को आउट करना आसान नहीं था।
*3. लंबी पारी खेलने की क्षमता*
पुजारा घंटों क्रीज पर टिककर बल्लेबाजी कर सकते थे। उनकी 200 से ज्यादा गेंदें खेलने की क्षमता ने कई बार टीम इंडिया को मैच बचाने और जीतने में मदद की।
*4. विदेशी पिचों पर संघर्ष*
ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी कठिन परिस्थितियों में भी पुजारा ने शानदार पारियां खेलीं और गेंदबाजों का जमकर सामना किया।
*5. टीम-फर्स्ट एप्रोच*
पुजारा ने हमेशा टीम के लिए खेला, न कि व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए। उन्होंने कभी ग्लैमर या शोर-शराबे पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि अपनी मेहनत और खेल से टीम का मनोबल बढ़ाया।
**चेतेश्वर पुजारा की पांच*
*यादगार पारियां**
*1. 123 रन* (एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया – 2018)
ऑस्ट्रेलिया की धरती पर खेले गए इस मैच में पुजारा ने 246 गेंदों पर शानदार 123 रन बनाए। उनकी इस पारी ने भारत को पहली जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
*2. 193 रन* (सिडनी, ऑस्ट्रेलिया – 2019)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुजारा ने सीरीज़ के आखिरी टेस्ट में 373 गेंदों पर 193 रन ठोके। यह पारी उस ऐतिहासिक सीरीज़ जीत का आधार बनी जब भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीती।
*3. 202 रन* (रांची, बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2017)
इस पारी में पुजारा ने 525 गेंदें खेलीं और लगभग 11 घंटे तक क्रीज पर डटे रहे। यह भारत के टेस्ट इतिहास की सबसे लंबी पारियों में से एक मानी जाती है।
*4. 145 रन* (कोलंबो, श्रीलंका – 2015)
सीरीज़ निर्णायक टेस्ट में पुजारा ने नाबाद 145 रन बनाए। यह पारी खास थी क्योंकि वे लंबे समय बाद टीम में लौटे थे और भारत को विदेश में जीत दिलाई।
*5. 153 रन** (हैदराबाद, बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2013)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए इस मैच में पुजारा ने आक्रामक अंदाज दिखाते हुए 221 गेंदों पर 153 रन बनाए। उनकी इस पारी की वजह से भारत ने विशाल जीत दर्ज की।


