उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर याकुबोएव मौजूदा समय में काफी विवादों में है। दरअसल, ग्रैंडमास्टर याकुबोएव ने टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट के बाद भारत की आर वैशाली से हाथ नहीं मिलाया। जिसके बाद इस मामले पर विवाद खड़ा हो गया है।
वहीं,बता दें कि, याकुबोएव ने धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इसका वीडियो वायरल होने पर विवाद हो गया और बाद में उन्होंने माफी मांगी और कहा कि उनका इरादा वैशाली का अपमान करना नहीं था बल्कि धार्मिक कारणों के चलते उन्होंने ऐसा किया।
चेसबेस इंडिया द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें वैशाली को याकुबोएव के खिलाफ चौथे दौर की बाजी की शुरुआत से पहले अपना हाथ बढ़ाते हुए देखा जा सकता है। लेकिन उज्बेकिस्तान का खिलाड़ी बिना हाथ मिलाए बैठ गया जिससे भारतीय खिलाड़ी असहज नजर आई। हालांकि, वैशाली ने 2019 में ग्रैंडमास्टर बने याकुबोएव को हराया और चैलेंजर वर्ग में आठवें दौर के बाद फिलहाल याकुबोएव के तीन अंक हैं।
जिसके बाद सोशल मीडिया पर ये वीडियो काफी वायरल होने के बाद याकुबोएव ने एक्स पर पोस्ट कर माफी मांगी। उन्होंने काह कि वह वैशाली और उनके छोटे भाई आ प्रज्ञानंद का सम्मान करते हैं, लेकिन धार्मिक कारणों के चलते वह अन्य महिला को नहीं छू सकते। याकुबोएव ने अपने लंबे पोस्ट में लिखा कि, मैं वैशाली के साथ बीजू क दौरान पैदा हुई स्थिति को स्पष्ट करना चाहता हूं। महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाडियों के प्रति पूरे सम्मान के साथ मैं सभी को सूचित करना चाहता हूं कि मैं धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नही छूता हूं। मैं वैशाली और उनके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के रूप में सम्मान करता हूं। अगर मैंने अपने व्यवहार से उन्हें नाराज किया है तो मैं माफी मांगता हूं।
उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी ने आगे लिखा कि, मेरे पास अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं, शतरंज हराम नहीं है। मैं वही करता हूं जो मुझे करना चाहिए। मैं दूसरो से विपरीत लिंग के लोगों से हाथ नहीं मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने के लिए नहीं कहता। ये उनका काम है कि वे क्या करते हैं।
फिलहाल, वैशाली ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया। आठ दौर के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं। प्रतियोगिता में पांच और दौर खेले जाने बाकी हैं।


