नयी दिल्ली । भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के उसके कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप का हवाला देकर आगामी विश्व चैंपियनशिप से हटने के फैसले से प्रभावित पहलवानों ने खेल मंत्री मनसुख मांडविया से इस मामले को सुलझाने की मांग की। इस सारेममले में बृजभूषण शरण सिंह की पहलवान विरोधी मानसिकता कम कर रही है ऐसा बताया जा रहा है।
डब्ल्यूएफआई के फैसले से प्रभावित 12 पहलवान मंत्री के आवास पर पहुंचे और उनसे हस्तक्षेप करने के लिए कहा। इनमें से कुछ पहलवानों के माता-पिता भी उनके साथ थे। बारह गैर ओलंपिक वर्ग की विश्व चैंपियनशिप 28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में होनी है।
अब जबकि इस प्रतियोगिता के शुरू होने में ज्यादा दिन नहीं बचे हैं तब पहलवानों ने अदालत में याचिका भी दायर करने की कोशिश की लेकिन उन्हें वहां पहुंचने में देर हो गई। मनीषा भानवाला (65 किग्रा) ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम खेल मंत्री के आवास पर आए हैं। हमें विश्वास है कि वह हमारी बात को सुनेंगे। हमारी क्या गलती है जो हमें इतनी बड़ी प्रतियोगिता में खेलने से वंचित किया जा रहा है।’’ डब्ल्यूएफआई ने बुधवार को विश्व चैंपियनशिप से हटने का फैसला किया था। उसने कुश्ती की विश्व संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू को बताया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है।


