प्रशांत रायचौधरी
रतन टाटा, भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन, खेलकूद के प्रति गहरी रुचि रखते थे। उनका खेलकूद से रिश्ता व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों रूपों में देखा जा सकता है:
1. टेनिस प्रेम: रतन टाटा को व्यक्तिगत रूप से टेनिस खेलना बहुत पसंद था। उनके युवा दिनों में वह एक अच्छे टेनिस खिलाड़ी रहे थे और उन्होंने इस खेल में गंभीरता से रुचि ली थी। आज भी टेनिस उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और वे इसे फिटनेस और मनोरंजन के लिए खेलते रहे हैं।
2. खेलों का समर्थन: रतन टाटा और टाटा समूह ने भारत में खेलों को प्रोत्साहन देने में अहम भूमिका निभाई है। टाटा समूह के विभिन्न उपक्रम, जैसे कि टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, खेलों के प्रायोजक और समर्थक रहे हैं। उन्होंने फुटबॉल, एथलेटिक्स, हॉकी, और टेनिस जैसे कई खेलों को समर्थन दिया है।
3. फुटबॉल के लिए समर्थन: टाटा फुटबॉल अकादमी (TFA), जो 1987 में स्थापित की गई थी, रतन टाटा और टाटा समूह की ओर से भारतीय फुटबॉल को बढ़ावा देने का एक प्रमुख प्रयास है। इस अकादमी ने भारतीय फुटबॉल को कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए हैं। रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने हमेशा खेलों के विकास को प्राथमिकता दी है।
4. स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर: रतन टाटा और उनके समूह ने स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भी निवेश किया है। उदाहरण के तौर पर, जमशेदपुर में टाटा समूह ने टाटा फुटबॉल अकादमी और अन्य स्पोर्ट्स फैसिलिटीज़ बनाई हैं, जो खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान करती हैं।