नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से मेडल चूकने वाली महिला पहलवान विनेश फोगाट भारत लौट आई हैं। एयरपोर्ट पहुंचने पर विनेश का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान वह भावुक हो गईं।
विनेश ने मेडल के लिए CAS में भी अपील की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। इस निराशा के बाद विनेश ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया। भारत पहुंचने से पहले विनेश ने सोशल मीडिया पर एक लंबा नोट शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के सफर के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे एक छोटे से गांव की लड़की से लेकर एक पहलवान बनने तक का उनका सफर रहा। उन्होंने उन लोगों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी मदद की।
अपने नोट में विनेश ने पिता के बारे में बताया जो एक बस ड्राइवर थे और जिनका निधन हो गया। उनकी मां को पिता की मौत के बाद कैंसर हो गया था। विनेश ने कहा कि उनके पिता उनका सपना देखते थे कि उनकी बेटी एक दिन हवाई जहाज में उड़ेगी और वे नीचे सड़क पर बस चलाएंगे। लेकिन उनकी मां का सपना सिर्फ इतना था कि उनके बच्चे अच्छी जिंदगी जिएं।
विनेश ने कहा, पिता के जाने के बाद उनका सपना अधूरा रह गया। उनकी मां को कैंसर हो गया और उन्हें और उनके भाई-बहनों को अपनी मां का ख्याल रखना पड़ा। इस दौरान उनका सपना पीछे छूट गया और उन्हें जिंदगी की जंग लड़नी पड़ी।’ उन्होंने कहा, ‘इस जंग ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया और उनकी मां की हिम्मत ने उन्हें मजबूत बनाया।’ उन्होंने कहा कि उनके पति सोमवीर ने हमेशा उनका साथ दिया।
उन्होंने बताया कि उनके सफर में बहुत से अच्छे और बुरे लोग मिले। उन्होंने उन लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी मदद की खासकर डॉक्टरों, कोच, फिजियोथेरेपिस्ट और पोषण विशेषज्ञ को। अंत में विनेश ने कहा कि ओलंपिक के फाइनल की तैयारी के दौरान उनका वजन ज्यादा हो गया था, लेकिन उनकी टीम ने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि समय और किस्मत उनके साथ नहीं रहे।