सितंबर माह में इंडिया का ओलिंपिक कहे जाने वाले नेशनल गेम्स का आयोजन हो रहा है। गेम्स की मेजबानी गुजरात करने जा रहा है। इस मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट का आयोजन 22 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच किया जाएगा।
खेल गुजरात के पांच शहरों (अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, भावनगर और वडोदरा) में आयोजित किए जाएंगे। खेलों का उद्घाटन और समापन समारोह अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हो सकता है।
7 साल के बाद देश में इन गेम्स का आयोजन हो रहा है। इससे पहले केरल ने साल 2015 में नेशनल गेम्स का आयोजन किया था।
भारतीय ओलिंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने शुक्रवार को एक सोशल पोस्ट में यह घोषणा की है। मेहता ने पोस्ट में लिखा- ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि गुजरात नेशनल गेम्स की मेजबानी करने जा रहा है। मैं गुजरात सरकार के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने के लिए IOA का आभारी हूं।’
गोवा से मेजबानी छिनी
पहले इन खेलों का आयोजन गोवा में होना था, लेकिन गोवा सरकार ने 2020 में पहले कोरोना का हवाला देकर खेलों का आयोजन कराने से हाथ खींच लिए। फिर इसे दिसंबर माह में कराने की बात करने लगी। ऐसे में गोवा से गेम्स की मेजबानी छीन ली गई है।
98 साल का हुआ टूर्नामेंट, कभी निरंतर नहीं रहा
यह नेशनल गेम्स का 36वां संस्करण होगा। गेम्स 98 साल का हो गया है, लेकिन यह कभी निरंतर नहीं रहा है। बीच-बीच में इन गेम्स का आयोजन ब्रेक होता रहा है। पहली बार इन गेम्स का आयोजन 1924 में लाहौर (आज पाकिस्तान की राजधानी) में हुआ था। 21वीं सदी में गेम्स के छह संस्करण ही हो सकते हैं।
इनके निरंतर न होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है इसका बड़ा स्वरूप। इनमें देश भर के खिलाड़ी सभी खेलों में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में खिलाड़ियों की संख्या ज्यादा होने के कारण इस आयोजन के लिए बड़े बजट और इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है, जो सरकार उपलब्ध नहीं करा पाती है। इसके अलावा ज्यादा संसाधन भी लगते हैं। कई राज्यों के पास तो इतना इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है कि वो नेशनल गेम्स करा सकें।
