भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी मिल गई है। बुधवार को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक के बाद अहमदाबाद को होस्ट सिटी घोषित किया गया।
भारत में पहली बार दिल्ली के बाहर मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट होगा अगर अहमदाबाद को 2030 की मेजबानी मिलती है, तो यह पहली बार होगा जब कोई बड़ा इंटरनेशनल मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट दिल्ली के बाहर आयोजित होगा। भारत 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स, 1951 और 1982 एशियन गेम्स की मेजबानी भी कर चुका है। 3 बड़े मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट दिल्ली में हुए थे।
कॉमनवेल्थ की टीम दो बार गुजरात का दौरा कर चुकी अहमदाबाद में कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 के आयोजन के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। यहां खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। मुख्य वेन्यू के तौर पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम, नारणपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, और सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एंक्लेव को प्रस्तावित किया गया है।
क्यों खास है CWG की मेजबानी? कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किसी भी देश के लिए सिर्फ खेल आयोजन नहीं, बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि, विकास क्षमता, इन्फ्रास्ट्रक्चर और विजन का भी प्रतीक माना जाता है। अब तक ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित कुल 9 देश इसकी मेजबानी कर चुके हैं। सबसे ज्यादा 5 बार मेजबानी का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है।
ओलिंपिक-2036 की दावेदारी मजबूत होगी कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी मिलने से ओलिंपिक गेम्स 2036 की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी मजबूत होगी। भारत 2036 के ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी की तैयारी भी कर रहा है। PM नरेंद्र मोदी ने लाल किले की से इसका ऐलान किया था। पिछले साल नवंबर में भारत ने ओलिंपिक गेम्स-2036 की मेजबानी हासिल करने के लिए दावेदारी पेश की थी।


