गुवाहाटी।साउथ अफ्रीकी टीम ने भारत के खिलाफ पहली पारी में 489 रन बनाए हैं। टीम के लिए सेनुरन मुथुसामी ने कमाल का प्रदर्शन किया है और उनके शतक की बदौलत ही अफ्रीकी टीम बड़े स्कोर तक पहुंच पाई। अफ्रीकी टीम के लिए मुथुसामी ने साल 2019 में भारत में डेब्यू किया था। तब वह डेब्यू सीरीज में सिर्फ दो विकेट ही ले पाए थे। इसके बाद उन्हें लगा था कि उनका करियर खत्म हो चुका है और वह इस देश में दोबारा नहीं खेल पाएंगे, लेकिन वक्त ने करवट ली और वह टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारत में खेलने का नहीं था यकीन
सेनुरन मुथुसामी ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि मेरी यात्रा अनोखी रही है। 2019 में भारत में इंटरनेशनल क्रिकेट का स्वाद चखा, यहीं डेब्यू किया। फिर कुछ समय के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाया। क्रिकेट एक सफर है जिसमें आप बस हर दिन को एक-एक करके लेते हैं और ज्यादा आगे की नहीं सोचते। लेकिन 2019 के बाद मुझे यकीन नहीं था कि मैं कभी टेस्ट क्रिकेट खेल पाऊंगा और भारत में खेलने के बारे में तो बिल्कुल यकीन नहीं था। मैं बस उस समर्थन के लिए आभारी हूं जो मुझे कोचों, परिवार और सहयोगी स्टाफ से मिला।
भारत के तमिलनाडु से है मुथुसामी का कनेक्शन
2019 की डेब्यू सीरीज के बाद उन्हें तीसरा टेस्ट खेलने के लिए चार साल इंतजार करना पड़ा और इस बीच उन्होंने घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत की। उनके पूर्वज तमिलनाडु के नागपट्टिनम से आते हैं और हालांकि वह स्वयं कभी वहां नहीं गए। उनकी मां और मौसियों ने अपने पुश्तैनी शहर का दौरा किया है। मुथुसामी ने कहा कि मेरी जड़ें भारतीय हैं और यह कई पीढ़ियां पुरानी हैं। मेरी जड़ें दक्षिण भारत में तमिलनाडु में हैं। मेरी मां और मौसियों ने परिवार से मिलने के लिए वहां का दौरा किया है लेकिन मैं अभी तक नहीं गया हूं।
मुथुसामी ने भारत के खिलाफ ठोका शानदार शतक
सेनुरन मुथुसामी ने 2025 तक उपमहाद्वीप की परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझ लिया। पाकिस्तान में शानदार प्रदर्शन किया जिसमें उन्होंने पहले टेस्ट में 11 विकेट झटके और दूसरे टेस्ट में 89 रन की नाबाद पारी खेलीं। अब उन्होंने भारत के खिलाफ 109 रन की पारी ऐसे समय में खेली जब टीम ने 201 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे।


